Opening Hours : Monday to Saturay - 8 Am to 5 Pm
सिकन्दराराऊ हाथरस जिले की प्रमुख तहसील के रूप में जाना जाता है जो सरस सलिल माँ गंगा यमना के दोआव में एटा-अलीगढ़ के मध्य में जी.टी. रोड पर स्थित है। इस तहसील में कोई महाविद्यालय होने के कारण स्थानीय छात्र-छात्राए हाथरस, अलीगढ़, एटा एवं कासगंज आदि नगरों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाया करते था यहां की जनता की एक लम्बे समय से माँग थी कि इस पिछड़े क्षेत्र में एक आदर्श राजकीय महाविद्यालय खोला जाये। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का अथक प्रयास रंग लाया और। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यहाँ राजकीय महाविद्यालय खोलने का शासनादेश संख्या 2714/सत्तर-5-98-4(20)/92 दिनांक 17.11.1998 निर्गत किया गया। यह महाविद्यालय डॉ0 बी0आर0अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से स्थाई सम्बद्धता प्राप्त है तथा वाणिज्य संकाय एवं कला संकाय के आठ विषयों हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गह विज्ञान, शिक्षा शास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान तथा समाज शास्त्र में शिक्षा प्रदान की जाती है। शासनादेशानुसार प्राचार्य के अतिरिक्त प्रत्येक विषय के एक-एक प्रवक्ता, पुस्तकालयाध्यक्ष, वरिष्ठ लिपिक एवं कनिष्ठ लिपिक तथा पाँच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों का सृजन शासन द्वारा किया गया। महाविद्यालय का प्रथम सत्र जुलाई 1999 से प्रारम्भ है। महाविद्यालय में पाँच शिक्षण कक्षा, पुस्तकालय, वाचनालय, पाचार्य कक्ष, कार्यालय, छात्र सामान्य कक्ष, खत्रा सामान्य कक्ष, क्रीड़ा कक्ष, एन.एस.एस. कक्ष, सभागार के अतिरिक्त गृह विज्ञान की प्रयोगशाला है। महाविद्यालय भवन का उदघाटन तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मा० श्री ओमप्रकाश सिंह के कर-कमलों द्वारा हुआ। इसी अवसर पर राजकीय महाविद्यालय का नाम महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय किया गया।
विविध विषयों में निष्ठावान् विद्वजनों से सुसज्जित यह महाविद्यालय दिन-प्रतिदिन अपने विद्यार्थियों के साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रतिमान स्थापित कर रहा है। यहाँ विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिये बड़ी संख्या में पुस्तकें एवं पत्र-पत्रिकाओं से सम्पन्न पुस्तकालय एवं वाचनालय, रोजगार सूचना एवं परामर्श केन्द्र तथा सभी उपकरणों से सुसज्जित गृहविज्ञान प्रयोगशाला उपलव्य है। महाविद्यालय में खेलों लेखन, वाद-विवाद आदि के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। महाविद्यालय में छात्रों के कल्याण के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था है। सांस्कृतिक परिषद के मार्गदर्शन में छात्र-छात्रायें भाषण, निबन्ध, कविता हेतु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एन.एस.एस. इकाई के माध्यम से छात्र व छात्राओं में देश व समाज के प्रति सेवा का भाव उत्पन्न किया जाता है। अनुशासन परिषद् विद्यार्थियों को अनुशासित कर, आत्मानुशासन के लिए प्रेरित करती है। इन सभी विशेषताओं के कारण ही महाविद्यालय ने शिक्षा जगत में यश अर्जित करके महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
We are established in 1999 and our academic experience is more than 20 years where our students have exceled and achieved thier dreams and we are proud to be a part of thier journey.
Our mission is to create a better future for all students. We achieve this by maximising opportunities for students through values-based education of the highest quality and through initiatives that promote unity and meaningful social action for development.
To provide an open opportunity to the young generation for evolving their core competencies and to build their career as world class professionals with broad based foundation, in-depth knowledge & versatile personality to meet the challenges of Global Economy.
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